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जो बीत गया… उस क्रिकेट की कहानी
परिचय
क्रिकेट सिर्फ रन और विकेट का खेल नहीं था… वो एक एहसास था। जब गली में बल्ला लेकर सचिन बनने का सपना हर बच्चा देखता था, जब टीवी पर कमेंट्री सुनते-सुनते मां का बुलाना भी सुनाई नहीं देता था… वो दौर अब बस यादों में रह गया है।
1. जब क्रिकेट में इमोशन था
एक ज़माना था जब हर भारत-पाक मैच युद्ध से कम नहीं लगता था। जब धोनी का हेलीकॉप्टर शॉट दिल को धड़कने से रोक देता था। जब युवराज के 6 छक्कों ने हर भारतीय को रात भर जगा दिया था।
2. वो चेहरे जो आज भी दिल में हैं
- सचिन तेंदुलकर: क्रिकेट का भगवान
- राहुल द्रविड़: दीवार, जो कभी नहीं गिरी
- वीरेंद्र सहवाग: बिना डर के खेल
- अनिल कुंबले: टूटी जबड़े से भी विकेट लेने वाला
- एम.एस. धोनी: Captain Cool, जिसने ख्वाब को सच्चाई बना दिया
3. स्टेडियम नहीं, भावनाओं का घर था
हर मैच में सिर्फ खिलाड़ी नहीं खेलते थे — पूरा देश उनके साथ जीतता और हारता था। वो पुराना DD Sports, वो लंबा इंतज़ार, वो रेडियो की आवाज़… सब अब यादें बन गए हैं।
4. अब क्रिकेट बदला है, पर वो दौर अमर है
आज सब कुछ ultra-fast है। IPL, DRS, Stats, Fantasy Teams… लेकिन वो नमी, वो जूनून अब सिर्फ पुरानी रिकॉर्डिंग में मिलता है।
5. एक सलाम उन यादों को
“जो बीत गया, वो वक्त नहीं था… वो जज़्बात थे।”
हर पुराना मैच, हर क्लासिक जीत, और हर आंखों में छलकता गर्व — आज भी हमारी रगों में Cricket बनकर दौड़ता है।
निष्कर्ष
नए युग के साथ Cricket आगे बढ़ रहा है, लेकिन बीते हुए कल की वो कहानियां… वो कभी फीकी नहीं होंगी। क्योंकि असली क्रिकेट वहीं था — जहां दिल से खेला जाता था, और दिल से जिया जाता था।
लेखक:
Ranjit Jyotish
(Technology | Education | Cricket | Health)