Virat Kohli test cricket retirementVirat Kohli test cricket retirement

विराट कोहली की टेस्ट क्रिकेट से विदाई

भारतीय क्रिकेट के सबसे जोशीले और प्रेरणादायक चेहरों में से एक, विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से कोहली ने इस भावनात्मक फैसले को साझा किया, जिससे सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक संपूर्ण युग क्रिकेट के सबसे शुद्ध प्रारूप से विदा हो गया।


कोहली का गौरवशाली सफर

शुरुआती कदम और करियर की ऊँचाइयाँ

विराट ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। 14 वर्षों तक चले उनके करियर में उन्होंने 123 टेस्ट मैच खेले और 9,230 रन बनाए। इसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनका बल्लेबाज़ी औसत 48.7 रहा, जो उन्हें दुनिया के महानतम बल्लेबाज़ों में शुमार करता है।


नेतृत्व की नई परिभाषा

आक्रामकता, अनुशासन और विजन

कोहली ने 2014 में टेस्ट टीम की कमान संभाली और भारत को एक नयी दिशा दी। उन्होंने फिटनेस को अनिवार्यता बनाया, तेज गेंदबाजों को प्रमुखता दी और भारत को विदेशी धरती पर जीत दिलाने वाला नेता साबित किया। उनके नेतृत्व में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 मैच जीते – यह भारतीय टेस्ट कप्तान के तौर पर एक रिकॉर्ड है।


संन्यास की वजह – आत्मिक जुड़ाव की खोज

कोहली ने अपने संन्यास वक्तव्य में लिखा:

“ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह यात्रा मुझे इस तरह बदल देगी। टेस्ट क्रिकेट ने मुझे जीवन के वो पाठ पढ़ाए जो किताबों में नहीं मिलते।”

संन्यास का यह निर्णय सिर्फ शारीरिक थकान नहीं, बल्कि एक आंतरिक संतुलन और मानसिक शांति की ओर बढ़ने का संकेत है

आध्यात्मिक राह की ओर रुख

संन्यास के तुरंत बाद कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन पहुँचे, जहाँ उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया। वहाँ उन्होंने मौन साधना और ध्यान किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि अब कोहली आत्म-खोज की ओर अग्रसर हैं।


विश्व क्रिकेट की प्रतिक्रियाएँ

सम्मान और श्रद्धांजलियाँ

दुनिया भर से क्रिकेट खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने कोहली के इस फैसले को सराहा। इंग्लैंड के मोईन अली ने उन्हें “खतरनाक प्रतिद्वंदी” कहा। क्रिकेट लेखक गॉर्डन डेफ़ ने उन्हें “क्रिकेट का सच्चा योद्धा” बताते हुए कहा कि कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में फिर से ऊर्जा और लोकप्रियता भरी।


निष्कर्ष – विरासत जो जीवित रहेगी

विराट कोहली का संन्यास सिर्फ आँकड़ों का अंत नहीं, बल्कि क्रिकेट में एक सोच, एक जुनून और एक संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को निडर खेलना सिखाया, मैदान में साहस दिखाना सिखाया और हार में भी गरिमा बनाए रखना सिखाया।

टेस्ट क्रिकेट अब भले ही उनके बिना होगा, लेकिन उनकी छवि, उनका असर और उनकी प्रेरणा मैदान पर हमेशा जीवित रहेगी।


लेखक: रंजीत ज्योतिष
Technology | Education | Cricket | Health

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *